नीले गगन सा
बहती पवन सा
अविस्मरणीय अनकहा सा
एक ख्वाब हूँ मैं
कुछ उलझा सा हूँ मैं
कुछ सुलझा हुआ सा
अपरिचित अन्जाना
समझ के पर बेहिसाब हूँ मैं
होठों पर मुस्कान लिए
समक्ष हूँ दुनिया के
दिल में ग़मों से भरपूर
बस आईने में बेनकाब हूँ मैं
बड़बोला कभी हूँ
गुमसुम कभी
खिलखिलाता या बिलखता
भावनाओं का इक सैलाब हूँ मैं
निरुत्तर सवालों सा
इक मुश्किल पहेली सा
खुद को समझने को
बेताब हूँ मैं !
बहती पवन सा
अविस्मरणीय अनकहा सा
एक ख्वाब हूँ मैं
कुछ उलझा सा हूँ मैं
कुछ सुलझा हुआ सा
अपरिचित अन्जाना
समझ के पर बेहिसाब हूँ मैं
होठों पर मुस्कान लिए
समक्ष हूँ दुनिया के
दिल में ग़मों से भरपूर
बस आईने में बेनकाब हूँ मैं
बड़बोला कभी हूँ
गुमसुम कभी
खिलखिलाता या बिलखता
भावनाओं का इक सैलाब हूँ मैं
निरुत्तर सवालों सा
इक मुश्किल पहेली सा
खुद को समझने को
बेताब हूँ मैं !