Thursday, July 29, 2010
इन्द्रधनुष से रंग पाने को जी करता है
आसमान में उड़ जाने को जी करता है
क्षितिज को छूने को
हवा सा सरसराने को जी करता है
चाँद पर चलने को
तारे चुराने को जी करता है
बादल में छुपने को
नदी में बह जाने को जी करता है
सूरज से मिलने को
पंछियों संग समय बीताने को जी करता है
पत्तों सा लहलहाने को
फूलों सा महकने को जी करता है
समुद्र की लहरों की मस्ती में
पाँव भिगोने को जी करता है
बहते झरने से उड़ती बूंदों के पास
चेहरा लेकर आने को जी करता है
पहली बारिश की मिट्टी से उठती
खुशबू सूंघने को जी करता है
गीली रेत में घर बनाने,
तितली को पकड़ कर फिर उड़ाने को जी करता है
राह चलती गाय की
पीठ थपथपाने को जी करता है
छुप छुप कर चलती बिल्ली का
पीछा करने को जी करता है
अधसोए कुत्ते को जगा कर
अनहद दौड़ लगाने को जी करता है
खेत में उगती सरसों के बीच
सैर करने जाने को जी करता है
हाथी की लम्बी सूंड पर
झूला झूलने को जी करता है
बच्चों सा चिल्लाने को
चिड़िया सा चह्चहाने को जी करता है
मोरनी सा झूमने को
वादियों में खो जाने को जी करता है
तेज़ बरसात में भीगने को
हवा से बातें करने को जी करता है
रोशनी में आँखें मूंदने को
सूरज को एकटक तकने को जी करता है
घोंसले में रखे अंडे को
हाथ लगाने को जी करता है
वन में पेड़ो की छाँव में
समय बीताने को जी करता है
अनजान रास्तो पर चलने को
प्रकृति में खो जाने को जी करता है .
खिलखिला कर मुस्कुराने और सबको हंसाने को जी करता है
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