Saturday, August 28, 2010

चाहत

चीता से तेज दौड़ने की चाह
चील से ऊँचा ड़ने की चाह
आंधी से तेज़ चलने की चाह
आकाश के ऊपर रहने की चाह
तारों को मुठ्ठी में लाने की चाह
दुनिया में नाम बनाने की चाह
एक आग, एक जुनून
कुछ कर-गुज़र कर दिखाने की चाह
एक जोश, एक जज़्बा
नामुमकीन को पाने की चाह
अनजाने रास्तों पे अनवरत चलते
दिशाओं को मंज़िल तक मोड़ने की चाह
जाने से पहले उस दूसरे जहाँ में
इस धरती पर निशान छोड़ने की चाह