मेरे होने न होने का 
जिस दिन फर्क पड़ जाए
मुझे बता देना
जिस दिन मेरी हँसी में
छुपा दर्द दिख जाए
मुझे बता देना
 
रहूंगी मैं नाचती
खिलखिलाती मुस्कुराती
ऐसे जैसे कोई लहर
सागर से मिलके गुनगुनाती
 
जिस दिन मेरे अधूरेपन की
भनक लग जाए
मुझे बता देना
 
मेरी उल्हास भरी बातों में
मेरे सहमे हुए दिल की
जो कसक मिल जाए
मुझे बता देना
खुशबू बाँटती पर
मुझे बता देना
 
मेरी अहमियत तब होगी
न रहूंगी जब आसपास
मेरे जाने पे जिस पल
आँखे छलक जाएँ
मुझे बता देना
जिस दिन फर्क पड़ जाए
मुझे बता देना
जिस दिन मेरी हँसी में
छुपा दर्द दिख जाए
मुझे बता देना
रहूंगी मैं नाचती
खिलखिलाती मुस्कुराती
ऐसे जैसे कोई लहर
सागर से मिलके गुनगुनाती
जिस दिन मेरे अधूरेपन की
भनक लग जाए
मुझे बता देना
मेरी उल्हास भरी बातों में
मेरे सहमे हुए दिल की
जो कसक मिल जाए
मुझे बता देना
खुशबू बाँटती पर
मुरझाई सी मैं हूँ  
मेरी खोई हुई सी गर महक मिल जाए  मुझे बता देना
मेरी अहमियत तब होगी
न रहूंगी जब आसपास
मेरे जाने पे जिस पल
आँखे छलक जाएँ
मुझे बता देना
