Friday, July 30, 2010

कुछ अनकही इच्छाएं

इन्द्रधनुष से रंग पाने को
आसमान में उड़ जाने को जी करता है
क्षितिज को छूने को
हवा सा सरसराने को जी करता

चाँद पर चलने को
तारे चुराने को जी करता है
बादल में छुपने को
नदी में बह जाने को जी करता है

सूरज से मिलने को
पंछियों संग समय बीताने को जी करता है
पत्तों सा लहलहाने को
फूलों सा महकने को जी करता है

छुप छुप कर चलती बिल्ली का पीछा करने को जी करता है
हाथी की लम्बी सूंड पर झूला झूलने को जी करता है
समुद्र की लहरों में पाँव भिगोने को जी करता है
पहली बारिश की मिट्टी से उठती खुशबू सूंघने को जी करता है

बच्चों सा चिल्लाने को
चिड़िया सा चह्चहाने को जी करता है
मोरनी सा झूमने को
तेज़ बरसात में भीगने को जी करता है

सूरज को सुबह और शाम में एकटक देखते जाने को जी करता है
घोंसले में रखे अंडे को हाथ लगाने को जी करता है

कुछ हवा से बातें करने को
वादियों में रास्ता बनाने को जी करता है

अनजान राह पर चलने को
प्रकृति में खो जाने को जी करता है

खेत में उगती सरसों के बीच रोज़ सैर करके आने को जी करता है
वन में पेड़ो की छाँव में समय बीताने को जी करता है
झरने के पानी से उड़ती बूंदों के पास चेहरा ले जाने को जी करता है
गीली रेत में घर बनाने,
तितली पकड़ कर फिर उड़ाने को जी करता है

खिलखिला कर मुस्कुराने को
सबको हंसाने को जी करता है

Thursday, July 29, 2010

इन्द्रधनुष से रंग पाने को जी करता है आसमान में उड़ जाने को जी करता है क्षितिज को छूने को हवा सा सरसराने को जी करता है चाँद पर चलने को तारे चुराने को जी करता है बादल में छुपने को नदी में बह जाने को जी करता है सूरज से मिलने को पंछियों संग समय बीताने को जी करता है पत्तों सा लहलहाने को फूलों सा महकने को जी करता है समुद्र की लहरों की मस्ती में पाँव भिगोने को जी करता है बहते झरने से उड़ती बूंदों के पास चेहरा लेकर आने को जी करता है पहली बारिश की मिट्टी से उठती खुशबू सूंघने को जी करता है गीली रेत में घर बनाने, तितली को पकड़ कर फिर उड़ाने को जी करता है राह चलती गाय की पीठ थपथपाने को जी करता है छुप छुप कर चलती बिल्ली का पीछा करने को जी करता है अधसोए कुत्ते को जगा कर अनहद दौड़ लगाने को जी करता है खेत में उगती सरसों के बीच सैर करने जाने को जी करता है हाथी की लम्बी सूंड पर झूला झूलने को जी करता है बच्चों सा चिल्लाने को चिड़िया सा चह्चहाने को जी करता है मोरनी सा झूमने को वादियों में खो जाने को जी करता है तेज़ बरसात में भीगने को हवा से बातें करने को जी करता है रोशनी में आँखें मूंदने को सूरज को एकटक तकने को जी करता है घोंसले में रखे अंडे को हाथ लगाने को जी करता है वन में पेड़ो की छाँव में समय बीताने को जी करता है अनजान रास्तो पर चलने को प्रकृति में खो जाने को जी करता है . खिलखिला कर मुस्कुराने और सबको हंसाने को जी करता है